फिर चर्चाओं में है आगरा की जामा मस्जिद, शाहजंहा की बेटी और औरंगजेब की बहन जहांआरा ने 375 वर्ष पहले बनवाई थी
Updated : Tue, 16 May 2023 05:41 PM

श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट द्वारा दायर वाद में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जाने से जामा मस्जिद चर्चा में आ गई है। शाहजहां की बेटी और औरंगजेब की बड़ी बहन जहांआरा ने इसका निर्माण 375 वर्ष पहले वर्ष 1644-48 के मध्य कराया था। उस समय इसके निर्माण पर पांच लाख रुपये व्यय हुए थे।
लाल पत्थरों से बनी है जामा मस्जिद
जामा मस्जिद लाल पत्थरों से बनी है। इसका मुख्य द्वार पूर्वी दिशा में है। इसके साथ ही उत्तरी व दक्षिणी तरफ भी इसके दरवाजे हैं। दक्षिणी दरवाजे का उपयोग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। पूर्वी द्वार से ऊपर मस्जिद तक जाने को करीब दर्जन भर सीढ़ियां बनी हुई हैं। मस्जिद में तीन गुंबद हैं। 20वें रमजान को जहांआरा का उर्स मस्जिद में मनाया जाता है। जामा मस्जिद और आगरा किला के दिल्ली दरवाजे के मध्य त्रिपोलिया चौक बना हुआ था। यह चौक अष्टकोणीय था।
ब्रिटिश काल में इसे तोड़ दिया था
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन बनाते समय ब्रिटिश काल में इसे तोड़ दिया गया था। इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि जहांआरा को बेगम साहिबा कहा जाता था। जामा मस्जिद ही बेगम साहिबा द्वारा बनवाई गई मस्जिद है।
खोखली मिली थीं सीढ़ियां
जामा मस्जिद के पूर्वी गेट की सीढ़ियों का एक दशक पहले एएसआइ द्वारा संरक्षण कराया गया था। तब तीन से चार सीढ़ियों के पत्थर बदले गए थे। सीढ़ियां अंदर से खोखली निकली थीं। दीवार में आड़े पत्थर के ऊपर पत्थर लगाकर सीढ़ियां बनी हुई हैं।
- वर्ष 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने प्राचीन ठाकुर केशवदेव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी।
- मथुरा हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थान है, यह जानते हुए भी औरंगजेब ने इसका नाम बदलकर इस्लामाबाद कर दिया था।
- औरंगजेब के दरबारी मुस्ताक खान की फारसी में लिखित पुस्तक मआसिर-ए-आलमगीरी और विदेशी लेखक फ्रेंकोस गौटियर की पुस्तक औरंगजेब आइकोनोलिज्म समेत कई भारतीय इतिहासकारों की पुस्तकों में विग्रह को सीढ़ियों में दबाने का उल्लेख है।
जहांआरा की मस्जिद को बताया शाही मस्जिद
ईदगाह न्यायालय में ट्रस्ट ने प्रार्थना की है कि छोटी मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) को वर्तमान में शाही मस्जिद, ईदगाह के नाम से जाना जाता है। उसकी सीढ़ियों के नीचे केशव देव का विग्रह दबा हुआ है। जामा मस्जिद आगरा किला के नजदीक और शाही मस्जिद ईदगाह मोहनपुरा में है। ट्रस्ट की लीगल टीम में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शुक्ला ने बताया कि विदेशी लेखक ने अपनी पुस्तक में जहांआरा की मस्जिद को ही शाही मस्जिद ईदगाह लिखा है।