भारत में हींग का हब यूपी का हाथरस, जिसको मिला है GI टैग
Updated : Fri, 28 Apr 2023 05:13 PM

भारत के करोड़ों लोगों के रसोई की महक और भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने वाली हींग को अब विश्व स्तर पर पहचान मिल चुकी है। 31 मार्च, 2023 को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) रजिस्ट्री द्वारा प्रदेश के दस उत्पादों की एक सूची जारी की गई है, जिनमें से एक हाथरस की हींग को भी यह उपलब्धि हासिल हुई है। बता दें, इस उपलब्धि से हाथरस में लगभग 100 करोड़ से भी ज्यादा के हींग कारोबार को रफ्तार मिलेगी। जीआई टैग मिलने से देश-दुनियां में हाथरस के हींग की मांग बढ़ेगी, जिससे इसका कारोबार करने वालों लोगों को फायदा होगा। वहीं, यूपी सरकार ने हाथरस के हींग को 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना में भी शामिल किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि जिले में हींग की लगभग 100 फैक्ट्रियां हैं, जिनमें हींग तैयार किया जाता है। अकेले हाथरस जिले में 15 हजार से अधिक लोग सीधे इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। यहां की हींग की क्वालिटी और शुद्धता के चर्चे पूरी दुनिया में है। इस मसाले की महक इतनी तीखी है कि जब अंग्रेजों ने इसके बारे में जाना तो इसे "Devil's Dung" यानी "शैतान का गोबर" कहा। हाथरस में यह कारोबार 150 वर्षों से किया जा रहा है।
दुनिया में कहां पाया जाता है हींग?
दुनिया में हींग का पौधा प्रमुख रूप से ठंडे प्रदेशों में पाया जाता है। इसके अलावा कुछ-कुछ यह औसतन कम ठंडे प्रदेशों में भी पाया जाता है। जैसे ईरान-सूडान। वैसे तो यह प्रमुख रूप से अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में होता है। यहां यह बर्फ के पहाड़ों पर प्राकृतिक रूप से पैदा होता है। यह एक प्रकार का पौधा होता है, जिसकी जड़ों से मिलने वाली राल के जरिए हींग बनाया जाता है। हींग की एक तेज महक होती है।