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Lucknow : मायावती ने कहा- गेस्ट हाउस कांड न होता तो सपा-बसपा गठबंधन का राज होता

Updated : Sun, 02 Apr 2023 05:05 PM

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर 1995 का गेस्ट हाउस कांड याद दिलाया है। मायावती ने कहा कि सपा हमेशा से ही डाक्टर भीमराव आंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेषपूर्ण भावना रखती थी।

इनके राजनीतिक द्वेष एवं जातिवादी विद्वेष का लंबा इतिहास पूरी तरह से लोगों के सामने है। इस कारण 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा। कहा, सपा अगर कांशीराम के सोच के हिसाब से यूपी में गठबंधन सरकार चलाती रहती तो यह गठबंधन देश पर राज कर रहा होता।

सपा की दलित व अति पिछड़ा विरोधी संकीर्ण राजनीति का लाभ आज भाजपा उठा रही है। फिर भी सपा, भाजपा से लड़ने के बजाए बसपा को ही कमजोर करने से बाज नहीं आ रही है। रविवार को निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर बसपा प्रदेश कार्यालय, लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की बैठक में मायावती ने सपा के इस प्रयास को नई राजनीतिक पैंतरेबाजी करार दिया है।

मायावती ने जिला अध्यक्षों की विशेष बैठक में राज्य के ताजा हालात व राजनीतिक घटनाक्रम से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव की तैयारियों में तन, मन व धन से जुटने का निर्देश दिया। बता दें कि अखिलेश यादव सोमवार को रायबरेली स्थित कांशीराम महाविद्यालय में बसपा के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

माना जा रहा है कि अखिलेश कांशीराम की मूर्ति के अनावरण के बहाने दलित वोट वोट बैंक में सेंधमारी के प्रयास में जुटे हैं।इस मौके पर मायावती ने निकाय चुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद के हथकंडों से लोगों को बचाने का दायित्व पार्टी कार्यकर्ताओं को सौंपा।

बसपा प्रमुख ने उप्र सरकार पर भी तंज कसे। कहा, इस सरकार में शहर सुविधाविहीन हैं हालां‍कि घोषणाओं व बयानबाजी में स्मार्ट सिटी कहला रहे हैं। महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी के कारण गांवों के हालात खराब हैं। इस सरकार में सबकुछ ठेके पर है। मायावती ने कहा कि दलित समाज मजबूत चट्टान की तरह बसपा के साथ हमेशा खड़ा रहा है। जबकि सपा जैसी पार्टियों के वोट बैंक खिसकते रहे जिससे भाजपा यूपी में मजबूत हुई। भाजपा को हराने के लिए बसपा जरूरी है।