Crypto लेनदेन अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में, डिजिटल संपत्तियों की होगी कड़ी निगरानी
Updated : Wed, 08 Mar 2023 04:18 PM

वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित लेनदेन Crypto Trade अब मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के दायरे में आएंगे। एक अधिसूचना में सरकार ने कहा है कि आभासी और डिजिटल संपत्ति से जुड़े लेन-देन में भागीदारी अब Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के नियमों के अधीन होगी।
सरकार ने डिजिटल संपत्तियों की निगरानी को कड़ा करने के लिए ये कदम उठाया है। भारत के राजपत्र में प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रालय ने निवेशकों को आभासी या डिजिटल संपत्ति के लिए की गई किसी भी पेशकश और बिक्री से संबंधित वित्तीय सेवाओं में भागीदारी के लिए चेतावनी दी है।
क्रिप्टो पर नकेल कसने की तैयारी
अधिसूचना में कहा गया है कि आभासी डिजिटल संपत्ति का आदान-प्रदान और हस्तांतरण भी पीएमएलए कानूनों के तहत आएगा। आयकर अधिनियम के अनुसार, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट' का मतलब ऐसी किसी भी सम्पति से है जो किसी जानकारी, कोड, संख्या या टोकन (भारतीय मुद्रा या विदेशी मुद्रा नहीं होने के कारण) के फॉर्मेट में हो और जिसे क्रिप्टोग्राफिक माध्यम से उत्पन्न किया गया हो, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए।
प्रवर्तन निदेशालय, जिसके पास मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामलों की जांच करने का अधिकार है, वह पहले से ही एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर और वजीरएक्स सहित कई क्रिप्टो एक्सचेंजों की जांच कर रहा है।
आरबीआई लगातार दे रहा है चेतावनी
भारत ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी के आसपास के कानून और नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है। देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई कई बार क्रिप्टो टोकन के उपयोग के प्रति आगाह कर चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वे पोंजी स्कीम के समान हैं।
क्रिप्टोकरंसीज को भारत के मनी लॉन्ड्रिंग नियमों के तहत लाने से अधिकारियों को देश की सीमाओं से परे भी इन परिसंपत्तियों के हस्तांतरण की निगरानी में अधिक अधिकार मिलेंगे।